प्रचीन चिन्ह
Ashish Raichur
प्राचीन चिन्ह का सन्देश ऐसा है जिसे मैं बहुत लम्बे समय से अपने हृदय में लिए पिफर रहा हूँ जिसे मैं अब आपके साथ इस पुस्तक के माध्यम से बाँट रहा हैं। शायद यह ऐसा सन्देश है। जिसे मैं अपना अन्तिम संदेश बनाता और आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़ देता कि वे उस दौड़ को लगातार करते रहें जिसे मैं छोड़कर जाता। संसार बदल रहा है। जैसा कल था वैसा आज नहीं हो सकता है! हमें नए संसार के साथ चलना है। हमें नए संसार की संस्कृति के शब्दों और चिन्हों का प्रयोग करके इसके सम्मुख अनन्त सत्यों को प्रकट करना है। तौभी ऐसा करने में खतरे हैं। जिन्हें हमें समझना है। हम यूँ ही संस्कृति में से बातों को लेकर समयानुकूल सत्यों को प्रकट नहीं कर सकते हैं। हम नए संसार की संस्कृति को लागू करने, और स्थापित करने के लिए प्राचीन चिन्हों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। कुछ ऐसी हवायें चल रहीं हैं जिनमें हमें समायोजित और स्वीकारना होगा ताकि हवा के साथ बह सकें कि कहीं ऐसा न हो कि इस वर्तमान नए संसार से अलग और पीछे न छूट जाएं। तम, कुछ ऐसी बदलाव की हवाएं चल रही हैं जो हमें पवित्रा सीमाओं को पार कराने में लगी हैं ताकि हम ईश्वरीय रीति-रिवाजों
年:
2016
出版社:
All Peoples Church And World Outreach
言語:
hindi
ページ:
43
ファイル:
PDF, 489 KB
IPFS:
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hindi, 2016